सिलवटें

हर शाम,
हर सिलवट में तू मुझको ढूंढेगा,
तेरा कुछ खोया हुआ है,
जो सिर्फ मुझमे मिलेगा,
तू बेख़ुदी में लेगा सिर्फ मेरा नाम,
और काली स्याह सी रात में,
जवाब सिर्फ मिलेगा,
इस आगोश में,
हर सेहर,
हर टूटती नींद में तू मुझको ढूढ़ेगा,
पर पाएगा तू कुछ नही,
सब रेत सा फिसलता जाएगा।।

 © Jayendra Dubey.

Comments

Popular Posts