मेरी कहानी.

मेरी कहानी में तुझको क्या मिलेगा,
दौड़ाएगा जब नज़रें अपनी,
तो कुछ बासी किस्से,
और ताज़ी यादों के अलावा क्या मिलेगा?

जो ख़ामोशी बयां कर पाएं, वो शब्द कँहा है
बेज़ुबान उन पलों कि आखिर आवाज़ कँहा है
जब चुपके से किसी ने हाथ थाम, चूम लिया
उन तेज धड़कनो को पकडे, वो रफ़्तार कँहा है.





उसके आँखों के कोने से काजल चुराया जो, 
वो काजल बना सके वो रंग कँहा हैं.
उसकी शरारतों के बीच उसके प्यार का तरीका,
उसकी चुप्पी में उसके हामी का सलीका,
उसकी आवाज़ मैं तुझको सुना सकूँ, 
सरगम आखिर ऐसी कँहा है. 

मेरे इस लुका-छिपी के खेल में तुझको क्या मिलेगा
सवालों में छुपे सवालों में तुझे क्या मिलेगा
चन्द लाल लकीरें तू ऐसे ही खीच दे
अपने रंग में रंग के तुझे मेरी कहानी, क्या मिलेगा?

Copyright,  © Jayendra Dubey,  2013
Image Copyright ©Manish Goel, 2013

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